सात दिवसीय “समग्र विकास और कल्याण प्रबंधन” कार्यक्रम के चौथे दिन चारु मल्होत्रा ने दिया मुख्य वक्तव्य

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बल्लभगढ़ (नेशनल प्रहरी/रघुबीर सिंह)। 24 नवंबर को अग्रवाल महाविद्यालय में चल रही राष्ट्रीय स्तरीय सात दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम- समग्र कल्याण प्रबंधन के चौथे दिन आन्ट्रप्रनरीअल एंड वोकेशनल वैलनेस पर एक ज्ञानवर्धक वक्तव्य आयोजित किया गया। अग्रवाल कॉलेज बल्लभगढ़ के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा प्राचार्य डॉ. कृष्णकांत गुप्ता के कुशल मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देश में “समग्र विकास और कल्याण प्रबंधन” पर राष्ट्रीय स्तरीय सात दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम ऑनलाइन माध्यम से आयोजित किया जा रहा है। प्राचार्य डॉ० कृष्ण कांत गुप्ता के द्वारा “समग्र कल्याण प्रबंधन” विषय पर इस सात दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम का शुभारंभ 21 नवंबर को किया गया। आज के सत्र की मुख्य वक्त्री सुश्री चारु मल्होत्रा ( कॉरपोरेट स्पीकर, एलुमना (आई०आई०टी० दिल्ली) ने एंट्ररप्रनरीअल एंड वोकेशनल वैलनेस के विषय में प्रतिभागियों को विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि उद्यमिता एवम् व्यावसायिकता में कल्याण का उद्देश्य कार्यस्थल पर कर्मचारी व उद्यमी को शारीरिक और मानसिक स्वास्थय, सुरक्षा, संतुष्टि और सामाजिक ख़ुशहाली और जीवंत वातावरण महसूस कराना है। उद्यमिता तथा व्यावसायिक कल्याण मानव कार्य, कार्यस्थल एवं कार्य वातावरण से संबंधित है। हम सभी अपने काम व कार्यस्थल पर लंबा समय बिताते हैं, इसलिए यहां का वातावरण हमारे जीवन का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है। अपने कार्य, कैरियर, जॉब और कार्य वातावरण से खुश होना बहुत आवश्यक है। व्यावसायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता की शारीरिक स्थितियों और व्यक्तिगत स्वास्थ्य की देखभाल करने तक सीमित नहीं है, बल्कि मनोवैज्ञानिक मुद्दे और परिवारको दिए जाने वाले समय से भी संबंधित है। बेहतर कर्मचारी संबंध, आर्थिक विकास, मनोबल, संतुष्टि, सुरक्षित व कम तनावपूर्ण कार्य वातावरण अपेक्षित है। कर्मचारियों व उद्यमियों की बेहतर दक्षता, क्षमता और उत्पादकता बढ़ाने हेतु भी ये अति आवश्यक है। अंत में प्रतिभागियों ने व्याख्यान के विषय से जुड़े अनेक प्रश्न पूछे, सभी जिज्ञासाओं का मुख्य वक्त्री चारु मल्होत्रा ने समाधान किया। व्याख्यान धन्यवाद ज्ञापन से समाप्त हुआ। कार्यक्रम में कुल लगभग 150 प्रतिभागियों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। यह कार्यक्रम संयोजक डॉ० मनोज शुक्ला, समन्वयक डॉ० शिल्पा गोयल, डॉ० इनायत चौधरी की देखरेख में आयोजित किया गया और तकनीकी समन्वयक डा० विनीत नागपाल का भी विशेष सहयोग रहा।